सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर आग का जायजा लेने पहुंचे सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, पुख्ता व्यवस्था के अभाव पर जताई चिंता

हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के लिए सीएमओ से संपर्क, टांके और वैकल्पिक रास्ते बनाने का दिया सुझाव

Udaipur. सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर लगातार लग रही आग की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए Member of parliament डॉ. मन्नालाल रावत ने Thursday को मौके का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग और जिला प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूर्व से ही प्रभावी कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया.

हर वर्ष पहाड़ियों पर आग की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं, जिससे वन संपदा, जीव-जंतु और पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. इस समस्या से निपटने के लिए Member of parliament ने आग बुझाने हेतु हेलीकॉप्टर की मदद लेने का सुझाव दिया और इसके लिए मौके से ही Chief Minister कार्यालय (CMO) को फोन कर चर्चा की.

🔥 मौके पर पहुंचकर लिया हालात का जायजा

Thursday सुबह सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर आग लगने की सूचना मिलते ही Member of parliament डॉ. रावत मौके के लिए रवाना हुए. इस दौरान जिला Collector नमित मेहता और वन विभाग के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे.

  • Member of parliament ने प्रशासन से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की.
  • वन विभाग को हेलीकॉप्टर की मदद से आग बुझाने की योजना बनाने का सुझाव दिया.
  • मौके से ही सीएमओ को फोन कर आग पर नियंत्रण के लिए तत्काल हेलीकॉप्टर सहायता उपलब्ध कराने की मांग की.

✅ Member of parliament ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

Member of parliament डॉ. रावत ने अधिकारियों से चर्चा के दौरान वन विभाग को आग रोकने और इससे निपटने के लिए पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

🔹 पहाड़ियों पर पानी के टांके बनाए जाएं जिससे आग बुझाने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध हो सके.
🔹 फव्वारा प्रणाली विकसित की जाए जिससे आग लगने की सूचना मिलते ही फायर फाइटिंग सिस्टम सक्रिय हो सके.
🔹 वैकल्पिक रास्तों का निर्माण हो आग लगने की स्थिति में दमकल कर्मी और राहत दल तेजी से मौके पर पहुंच सकें.

🚨 आग की घटनाओं पर वन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश

Member of parliament ने चिंता जताते हुए कहा कि हर वर्ष गर्मी के मौसम में पहाड़ियों पर आग की घटनाएं होती हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है.

  • उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि आग लगने से पहले ही एहतियाती कदम उठाए जाएं.
  • अधिकारियों को सचेत रहने और वन क्षेत्र में नियमित निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए.
  • आग लगने की स्थिति में तुरंत राहत दलों को भेजने की योजना तैयार करने को कहा.

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